हृदय के उद्गार
जीवन में सुन्दर ज्योति इन्सान जला ही पायेगा।रख लो सबसे भाई चारा
जीवन फिर न आएगा । १।
पंचतत्व से ईश्वर ने बनाया
ये सुन्दर शरीर
फिर क्यूँ देता लेप झूठ का
होकर तू इतना अधीर । २।
क्यू परेशान है तू धन दौलत के पीछे
एक दिन तू हो जायेगा इस पृथ्वी के नीचे । ३।
हे मानव ! कर जोड़ मै तुमसे करती हूँ निवेदन
हो जा तू हर इंसान के प्रति कुछ तो संवेदन । ४।
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